Month: October 2020
पूजादि
पूजादि श्रद्धा का विषय है, चारित्र का नहीं; वरना मुनियों को भी अनिवार्य होतीं ।
ज्ञान / विज्ञान / धर्म
ज्ञान – जानकारी देता है, आकर्षण का निमित्त बनता है । विज्ञान – उस ज्ञान को Analyse करके, भौतिक सुविधायें देता है । धर्म –
विधान में अर्घ
विधान में अर्घ दूने-दूने करने के पीछे कारण ? गुणाकार भक्ति = पहले दिन से अगले-अगले दिनों में दुगनि-दुगनी भक्ति । इसे गुणाकार – अर्घ
त्याग
त्याग दो प्रकार का — 1. संग्रह किये हुये को छोड़ना 2. संग्रह करना ही नहीं
राग/विकार
राग अचेतन की परिणति, ये ज्ञानी के भी होता है । राग से प्रभावित होना विकार है, यह चेतन की परिणति है, इससे ज्ञानी प्रभावित
विकार
बुखार से निवृत होना चाहते हो, विकार से क्यों नहीं ? आचार्य श्री विद्यासागर जी
मरण
मरण तो बुरा कहा जाता है, फिर साधुओं की समाधि-मरण को अच्छा क्यों कहते हैं ? मरण को अच्छा नहीं कहा, अच्छी तरह मरण (भगवान
अणुव्रत / शीलव्रत
पाँचों अणुव्रत धारण करने से भी अप्रत्याख्यानावरण का अनुदय नहीं होगा, वह तो 12 शीलव्रत पालने पर ही होगा । (हाँ ! अणुव्रतों से पाप
परम्परा / रूढ़िवादिता
परम्परा – परम System जो घर/समाज को ऊपर की ओर ले जाये । रूढ़िवादिता – जो नीचे की ओर ले जाये ।
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