Month: November 2020
दान
करुणा दान…संसार को सुरक्षित रखने के लिये, सुपात्र-दान… मोक्ष-मार्ग को आरक्षित करने के लिये । मुनि श्री सुधासागर जी
गोबर का कीड़ा
इसे गोबर का कीड़ा कहते हैं, ये कीड़ा सुबह उठकर गोबर की तलाश में निकलता है और दिनभर जहाँ से गोबर मिले उसका गोला बनाता
सामायिक / जाप
सामायिक में आत्म-चिंतन, जाप में परमात्म-चिंतन । मुनि श्री सुधासागर जी
वृद्ध/युवाओं का धर्म
आ.श्री विद्यासागर जी बहुत बार निवेदन करने पर भी सागर नहीं आ रहे थे । सुधासागर जी महाराज ब्रह्मचारी अवस्था में अन्य ब्रम्हचारियों के साथ
सूतक
रावण की चिता शांत भी नहीं हुई थी कि… उसकी सभी (16 हजार) रानियों ने दीक्षा ले ली थी । धर्म करने में सूतक बाधक
धनतेरस
जैन-दर्शानुसार आज के दिन भगवान महावीर की आखिरी दिव्यध्वनि(प्रवचन) सुनी गयी थी, उससे भव्य जीवों का जीवन धन्य हो गया था (आज भी हो रहा
दु:ख के निमित्त
संसार में 3 चीजें सबसे ज्यादा दु:खदायी हैं – पुदगल पर्याय परिवार श्री लालमणी भाई
भूख
भूख की पूर्ति शक्ति के लिये, ताकि अनंत शक्ति की भूख जगे । आचार्य श्री विद्यासागर जी
जीव
जीव 2 प्रकार के – 1. जिनमें काम करने की शक्ति/स्वभाव नहीं जैसे देवों में संयम/मोक्ष; कालाणु का दूसरे कालाणु से मिलना/बहुप्रदेशी बनना । 2.
मायाचार / श्रद्धा
गुरु की सुनते हैं, मानते नहीं हैं तो क्या यह मायाचारी है ? नहीं लाचारी है । साधारण शिष्य श्रद्धालु होते हैं, अनुयायी नहीं ।
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