Month: January 2021
पूजादि और वैभव
पूजादि का वैभव से संबंध नहीं होता, सुख और शांति से होता है । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
धर्मात्मा
पेड़ पाप नहीं करते, तो धर्मात्मा कहें ? नहीं, जो पाप को पाप मानकर पाप न करें, वह धर्मात्मा है ।
दान
दान देना हो तो सुपात्र को दें, दान लेने आये तो कुपात्र को भी दें (करुणा-दान) । सुभाष-चिंतन
प्रण
प्रण कब तक निभायें ? प्रण निभाने में व्यक्तिगत लाभ होता है, लेकिन वह प्रण जब समाज/देश/धर्म के लिये अहितकारी हो जाय तो तोड़ लेना
भगवान का शरीर
1. अंतराय समाप्त सो अनंतवीर्य, इसलिये नामकर्म वर्गणायें लेने में लाभांतराय नहीं । 2. शरीर परमौदारिक (शुक्लध्यान से 12 गुणस्थान में शरीर शुद्ध) सो… कवलाहार
संस्कार
आज व्यसन नहीं कर रहे हो, ठीक है । पर क्या छोड़ने का संकल्प लिया ? सावधान रहने का बार बार चिंतन किया ? भविष्य
समस्यायें
समस्यायें रुकावट नहीं, मार्गदर्शक होती हैं कि आप सही दिशा में जा रहे हो ! गर्त में जाते/गिरते समय कोई रुकावट नहीं मिलती ।
जीवन का उद्देश्य
अज्ञान से ज्ञान, दु:खी से सुखी, असाता से साता, रूपी से अरूपी, लौकिक से अलौकिक, शरीरी से अशरीरी, आश्रित से स्वाश्रित…. बनना ही जीवन का
उम्मीद
हम गोबर से भी यही Expect करते हैं कि वह हमारे पैरों में न आये/ पैरों में न लगे, मैं तो…अपना पैर नहीं बचाऊंगा ।
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