Month: February 2021
अनुयोग
चार अनुयोग का कथन पहली बार आचार्य समन्तभद्र स्वामी ने किया था । द्वादशांगादि में प्रथमानुयोग तो आता है अन्य तीन का नाम नहीं ।
धार्मिक क्रियायें कितनी ?
अमृत कितना लेना चाहिये ? जितना भी लें, श्रद्धा से/ आकुलता रहित/ अमृत तथा लाभकारक मान कर लें । चिंतन
देव-दर्शन
प्रायः कहा जाता है …. देव-दर्शन अनंत बार किये होंगे, पर उससे क्या हुआ ? आज देव-दर्शन ऐसे करो कि जैसे पहली बार कर रहे
अनुभाग/स्थिति
अनुभाग यदि प्रबल हो तो वह स्थिति को संभाल लेता है, चींटी की कार के नीचे आने पर भी आयु की स्थिति समय से पहले
नादान
नादानी समाप्त करना हो तो “नादान” में से “ना” हटा दो । (जो बचे यानि “दान” करो) आचार्य श्री विद्यासागर जी
सहयोग
क्या पार्श्वनाथ भगवान के पुण्य कम थे, जो इंद्र देवता सहायता करने नहीं आये ? पुण्य तो घने थे, 63 ऋद्धियाँ थीं, पर सहायता करने
व्यक्तित्व निर्माण
घंटे में मधुर ध्वनि यों ही नहीं निकल आती ! पहले धातु तेज अग्नि में तपती है, सांचे में ढ़लती है फ़िर Fine Polish की
एक द्रव्य का दूसरे द्रव्य पर प्रभाव
एक द्रव्य का दूसरे द्रव्य पर प्रभाव व्यवहार से होता है, निश्चय (शुद्ध आत्मादि) से नहीं । वह प्रभाव अजीव (घंटों) तक पर होता है
कानून / धर्म
कानून वैश्यावृत्ति रोक सकता है (हालाँकि वह भी नहीं रोक पाया है), पर हर स्त्री में माँ/बहन/बेटी, धर्म ही दिखा सकता है । श्री विनोबा
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