Month: April 2021
परोपकार
700 मुनियों पर उपसर्ग आया तो देवता बचाने नहीं आये, एक मुनि (मुनि श्री श्रुतसागर जी ) बचाने इसलिये आये क्योंकि वे अपने लिये नहीं
काया
काया का कायल नहीं, काया में हूँ आज । कैसे काया-कल्प हो, ऐसा हो कुछ काज ।। आचार्य श्री विद्यासागर जी (हम तो आज चाय
पुद्गल का वर्ण
पुद्गल की स्वाभाविक परिणति (वर्ण) अंधकार है, प्रकाश तो नैमित्तिक है । मुनि श्री सुधासागर जी
संवाद
सर्वश्रेष्ठ संवाद वही होता है जो “शब्दों में सीमित” और “अर्थों में असीमित हो” (सुरेश)
सहयोग
क्या भगवान आदिनाथ तथा पार्श्वनाथ के पुण्य कम थे, जो सौधर्म-इंद्र आदि बड़े देवता सहायता करने नहीं आये ? पुण्य घने थे, 63 ऋद्धियां भी
सत्य
भगवान ने सत्य बोलने को तो कहा, पर हितकारी असत्य बोलने की मनाही भी नहीं की । मुनि श्री अविचलसागर जी
एकेंद्रिय जीव रक्षा
श्रावक एकेंद्रिय जीवों की रक्षा, अनर्थदंड-विरति व्रत से ही कर सकते हैं । मुनि श्री सुधासागर जी
अनुभव
Experiences are like waves, They come to you on shore of life; Drag the sand from beneath your feet, But each wave makes you stand
स्त्री-मुक्ति
स्त्री-मुक्ति का निषेध नहीं कहा बल्कि सावरण लिंग का निषेध है । पुरुष को भी सावरण लिंग सहित मुक्ति नहीं । जो हुआ नहीं/हो नहीं
कर्म कटना/बंधना
कौन से कर्म बढ़ रहे हैं इसका पता कैसे लगे ? क्रिया करने के बाद यदि सुकून/आनंद आ रहा है तो शुभ-कर्म बढ़ रहे हैं,
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