Month: June 2021
सल्लेखना और मोक्ष
सल्लेखना के समय केवलज्ञान नहीं होता क्योंकि सल्लेखना संकल्पपूर्वक ली जाती है । लेकिन सल्लेखना वाले कम से कम 3 भव में मोक्ष जा सकते
सीख़
कक्षा में एक बच्चे की घड़ी चोरी हो गयी । शिक्षक ने सब बच्चों की जेबें टटोलीं पर उससे पहले सब बच्चों की आंखें बंद
झारी
झारी पर नारियल जरूरी नहीं, मंगल-कलश पर जरूरी होता है । पर टोंटी वाली झारी सही नहीं, उसमें जीव राशि बनी/मरती रहती है । मुनि
करुणा
करुणा के भेद … 1. “करने वाली” – दूसरों के निमित्त से/दूसरों के लिये । पर निमित्त कितनी देर को मिलेंगे ? सो करुणा भाव
निमित्त / उपादान
मिट्टी के घड़े का रूप/ परिणमन कुम्हार के निमित्त से, उपादान मिट्टी का । भविष्य में उस मिट्टी/घड़े का परिणमन उसके खुद के उपादान से
वर्ग >> निषेक
वर्ग = परमाणु वर्गणा = समान जाति के वर्गों का समूह स्पर्धक = समान जाति की वर्गणाओं का समूह निषेक = भिन्न भिन्न जाति के
नकली / असली
आपके पास एक नकली नोट आ जाये तो पहले किसे चलाना चाहोगे ? नकली… नोट/ गुरु/ शास्त्र और धर्म; विज्ञापन और शक्ति का प्रयोग करके जो
हिंसक जानवरों को संबोधन
इनको दूर से संबोधन देना चाहिये । स्वभाव/पापोदय से वह हमला भी कर देते हैं । मुनि श्री सुधासागर जी
धर्मात्माओं की रक्षा
साधुजन अपनी रक्षा खुद नहीं करते, चाहे उनके पास कितनी भी मंत्रादि शक्त्तियाँ हों क्योंकि उसमें दुश्मन की हिंसा होगी । उनकी रक्षा का दायित्व
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