Month: July 2021
परिवर्तन
पंचपरावर्तन से बचने के लिये जीवन में परिवर्तन आवश्यक है । मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
डर
जिससे डरोगे, वही बनोगे । भगवान/गुरु/कानून सबमें लगा लेना । मुनि श्री सुधासागर जी
नाम में शक्त्ति
“ॐ” में एक नहीं, अनंत-पंचपरमेष्ठी, तथा “अर्हं” में अनंतकेवलज्ञानी समाहित हैं । तो इन/ऐसे नामों में अनंत शक्त्ति होगी या नहीं ? मुनि श्री प्रणम्यसागर
संस्कार
दही के बर्तन में बिना जामुन के दूध ऐसा जम जाता है कि जमा (जमाना) उल्टा कर दो तो भी ना गिरे । आचार्य श्री
दु:ख में क्रंदन
दु:ख में जितनी जोर-जोर से रोओगे/चिल्लाओगे तो Pipeline/सत्ता में उतनी दूर-दूर के असाता कर्म बुलाहट सुनकर/जानकर आपके पास चले आयेंगे/उदीरणा कर जायेंगे । मुनि श्री
वजन बढ़े तो ?
प्रश्न :- वजन बढ़ जाए, तो क्या करें ? उत्तर :-तन का बढे़ तो व्यायाम, मन का बढे़ तो ध्यान, और धन का बढे़ तो
भाव
१. आगम-भाव : जैसे मनुष्यपना >> सामान्य विषय, किसी का पिता होगा पर मेरे अनुभव में नहीं । २. नो आगम-भाव : मनुष्यपना + पितापना
श्रमण / श्रावक
बिना संयम के काले बाल वालों पर भरोसा मत करना ; Army area में Civilian का जाना वर्जित होता है । श्रावकों की सुनो मत/मानो
चारित्र का बहुमान
क्या आचार्य श्री ज्ञानसागर जी ने ब्रह्मचारी अवस्था में अपने दीक्षा-गुरु आचार्य श्री वीर सागर जी को पढ़ाया था । आचार्य ज्ञानसागर जी से जब
आनंद
“B” से “Birth” और “D” से “Death” इन दोनों में से एक भी हमारे हाथ में नहीं है, परन्तु “B” और “D” के बीच में
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