Day: August 9, 2021

भाव

औदायिक भाव – जो भाग्य में होगा मिलेगा; प्राय: निंदनीय (तीर्थंकर प्रकृति आदि को छोड़कर) । उपशम, क्षायिक, क्षयोपशमिक – पुरुषार्थवाद, कर्मों की नियत धारा

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विनय

आचार्य श्री विद्यासागर जी का स्वास्थ अच्छा नहीं था । मुनिजन वैय्यावृत्ति कर रहे थे । आचार्य श्री दीवार से पीठ टिकाये बैठे थे ।

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मंगल आशीष

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August 9, 2021