Month: August 2021

खून का रंग

खून में लाल और सफेद रंग के Cells होते हैं । यही रंग सिद्ध और अरहंत भगवानों के भी होते हैं । सिद्ध और अरहंत

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ठगी

संसार में ठगा, धर्म में आता है, धर्म में ठगा कहाँ जायेगा ? लौकिक में ठगा धनादि खोता है पर अलौकिक जन्मजन्मान्तर खो देता है

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बच्चे/आहार

8 वर्ष से छोटे बच्चों को आहार दिखाना भी नहीं चाहिये । मुनिराज को खाते देखकर उनका भी मन मचलेगा, न मिलने पर दुर्भाव आयेंगे

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वासना

वासना का सम्बंध न तन से है न वसन* से, अपितु माया से प्रभावित मन से है । आचार्य श्री विद्यासागर जी * पोशाक

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भाव

औदायिक भाव – जो भाग्य में होगा मिलेगा; प्राय: निंदनीय (तीर्थंकर प्रकृति आदि को छोड़कर) । उपशम, क्षायिक, क्षयोपशमिक – पुरुषार्थवाद, कर्मों की नियत धारा

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विनय

आचार्य श्री विद्यासागर जी का स्वास्थ अच्छा नहीं था । मुनिजन वैय्यावृत्ति कर रहे थे । आचार्य श्री दीवार से पीठ टिकाये बैठे थे ।

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मोक्ष

मोक्ष यानि निराकुलता । फल – असीम सुख ।। तो फिर मोक्ष, आकुलता तथा दु:खी भावों से कैसे प्राप्त हो सकता है ! चाहे वे

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वैराग्य

वैराग्य भाव आये पर संसारियों के साथ रहने की मजबूरी हो तो संसारियों को पता मत लगने देना वरना वे रहना दुश्वार कर देंगे ।

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स्वभाव

श्री कुरलकाव्य के अनुसार – मनुष्य का स्वभाव उसके मन में नहीं रहता बल्कि संगति से बनता है । जैसे बुद्धुओं के साथ रहोगे तो

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ध्यान

ध्यान आत्मा पर लगायें, शरीर पर नहीं । कारण ? ध्यान एक पर केन्द्रित किया जाता है, आत्मा एक है, शरीर के अनेक अंग तथा

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मंगल आशीष

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August 11, 2021