Day: September 18, 2021
उत्तम आकिंचन्य धर्म
September 18, 2021
मैं किसी के पास नहीं जाउंगा/किसी का कुछ लेने के भाव नहीं रखूंगा/अपने में भी ममत्व नहीं । मैं आकिंचन्य हूँ । ये भाव ही
आकिंचन्य धर्म
September 18, 2021
ग्रह उनको ही लगते हैं, जिन पर परिग्रह होती है । तन के अनुरूप ही मन का नग्न होना, आकिंचन्य है । तुम्बी तैरती, तैराती औरों
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