Month: October 2021

मल-विसर्जन

नित्य-आहार के मल-विसर्जन के लिये 9 मल-द्वारों से मल-विसर्जन होता  है। त्वचा, मांस, हड्डियों के मल-विसर्जन के लिये असंख्यात द्वारों (रोम) से हर समय विसर्जन

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परख

एक व्यक्ति का चयन होना था । उसे भोज पर बुलाया गया, सूप आया, मालिक नमक डाल कर पीने लगा, उसने भी नमक मिलाकर पी

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आवीचिमरण

आचार्य श्री विद्यासागर जी किसी को सम्बोधन करने गये, उन्हें णमोकार सुनाने लगे। घरवालों ने एतराज किया – इनका अंत समय थोड़े ही है !

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भावना

विनोवा भावे, भगवान महावीर और सल्लेखना से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने सल्लेखना पूर्वक अंतिम सांस, भगवान महावीर के निर्वाण के दिन, सूर्यकिरण के साथ, ठीक

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अंतिम परिणति

सम्बंध शुरु होते हैं उत्साह के साथ पर समय के साथ नीरस होते जाते हैं । पढ़ाई में भी यही स्थिति, अन्य कामों में भी

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पुरुषार्थ

चक्रवर्ती अपने पास चक्र आने के बाद भी दुनिया को पुरुषार्थ का महत्त्व दिखाने के लिए साठ हजार वर्षों तक विजय-यात्रा करते रहे । मुनि

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विनय

मंदिर में/गुरु के दर्शन करते समय जूते ऐसी जगह उतारें जहाँ भगवान/गुरु की नज़र न पड़े । मुनि श्री सुधासागर जी

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पंचपरावर्तन

पंचपरावर्तन को जानने/उस पर श्रद्धा करने का महत्त्व – इस संसार में कुछ नया नहीं है; अनंत बार वही वही भोग भोग कर छोड़ चुके

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पाप

पाप तो पहले भी होते थे; आज भी होते हैं। फ़र्क ? पहले सिर्फ़ बड़े पाप करते थे; आज वही  पाप छोटे भी करने लगे 

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मंगल आशीष

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October 31, 2021