Month: November 2021
अवगाहनत्व
अवगाहनत्व तो मुझमें/सब द्रव्य में होता है, मैं भी तो छहों द्रव्यों को तथा अनंत जीवों को अपने शरीर में अवगाहना दे रहा हूँ ।
कर्म काटना
बच्चा (10 साल) – गुरु जी ! कहते हैं णमोकार (भगवान का नाम) पढ़ने से पाप कट जाते हैं ! फिर पाप करने से डरें
दक्षिण में धर्म
चंद्रगुप्त मौर्य के सपनों के अनुसार दक्षिण में धर्म रहेगा । उत्तर में अकाल पड़ने पर आचार्य श्री भद्रबाहु जी 12 हजार शिष्यों के साथ
मेरा कोई नहीं
“मेरा कोई नहीं” महत्वपूर्ण मंत्र है पर इसे जपने से निराशा/ दु:ख और-और बढ़ जाते हैं, ऐसा कैसे ? क्योंकि हम अधूरे मंत्र को जपते
नियोग
नियोग का शाब्दिक अर्थ – आदेश/ काम में लगाना/ उपयोग । “नियुक्ति” भी नियोग से ही बना है । कमलकांत जैसवाल आगम में – अप्रतिहार
पुण्यात्मा / पापी
दोनों के भाव एक से होते हैं – पुण्यात्मा = भगवान के दर्शन में नित नया आनंद । पापी = भोगों में नित नया आनंद
णमोकार
पूर्ण मंत्र । पाँचों परमेष्ठियों को एक सा सम्मान । इसीलिए उन सबके लिए एक सा संबोधन – “नमोस्तु” । जबकि उनके नीचे वालों के
काल-द्रव्य
कालों (4थे काल से मोक्ष जाते हैं, अगले पल से मोक्ष जाना बंद हो जाता है । पर इसका कारण जीव व उसके कर्म होते
भारत
अनुवाद (अनु = Follow + वाद = वचन ) नाम का कभी नहीं होता । दुर्भाग्य – भारत को India करने का क्या Justification था!
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