Month: December 2021
मारणांतिक समुद्घात
जिन्हें अपने कर्मों पर भरोसा नहीं, उनके मारणांतिक समुद्घात होता है । मुनि श्री सुधासागर जी
जोड़ना
जुड़ो ना, जोड़ो, जोड़ा छोड़ो, जोड़ो तो बेजोड़ जोड़ो। आचार्य श्री विद्यासागर जी
शास्त्राध्ययन
श्री ज्ञानार्णव ग्रंथानुसार – अक्षर-ज्योति से ज्ञान-ज्योति जलती है। (सम्यग्)दर्शन के लिये शास्त्राध्ययन आवश्यक है। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
बंधु
बंधु वह जो हितकारी हो, चाहे पराया ही क्यों ना हो । अपने ही शरीर में होने वाली बीमारी – अबंधु, जंगल की औषधि –
देशना
सम्यग्दर्शन पाँच लब्धियों से, जिसमें तीसरे नम्बर पर देशना लब्धि है यानि उपदेश सुनना जरूरी । लब्धिसार ग्रंथ में लिखा है कि उपदेश सुनना या
सत्य
💎💎💎💎💎💎💎💎💎💎💎💎 अहंकार सत्य को स्वीकार नहीं करता है, और सत्य को जानने वाला कभी अहंकार नहीं करता है। जय जिनेंद्र 🙏🌹(अनुपम चौधरी)💞🙏 💎💎💎💎💎💎💎💎💎💎💎💎
ज्ञान
सम्यक्-ज्ञान ही प्रमाण होते हैं । मति, श्रुत, अवधि. मन:पर्यय, केवल-ज्ञान श्रुतानुसार (शास्त्रानुसार) ही होते हैं । सुश्रुत और कुश्रुत दोनों ज्ञान शब्द रूप हैं
ख़ामोशी / स्थिरता
ख़ामोशी/ स्थिरता का भी अपना ही मज़ा है, पेड़ों की जड़ें कभी फड़फड़ाया नहीं करतीं… पत्ते फड़फड़ाते हैं तो सूख कर या टूट कर गिर
पुरुषार्थ
द्वीपायन मुनि को भगवान ने बताया फिर भी उन्होंने पुरुषार्थ नहीं छोड़ा । 12 साल मुनि पद का आनंद लिया, शराबी कुछ समय के आनंद
मौन
अपने से ज्यादा ज्ञानी के सामने बोलना मत वरना ज्ञान लेने में अवरोध आ जायेगा । अपने से कम ज्ञानी के सामने बोलना मत वरना
Recent Comments