Day: April 24, 2022

बंध / निर्जरा

पाप की निर्जरा में पुण्यबंध भी होगा। ऐसे ही पुण्यानुबंधी में पाप की निर्जरा भी होगी। आगम में दसवें गुणस्थान तक किसी भी पुण्य प्रकृति

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इच्छा

रावण ने बहुरूपिणी विद्या सिद्ध कर ली थी। राम रावण के एक रूप को मारते थे, तभी उसके अनेक रूप पैदा हो जाते थे। इच्छा

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मंगल आशीष

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April 24, 2022