Day: May 20, 2024

संयम मार्गणा

पहले व्रत-धारण; उन्हें संभालने के लिए समितियां। फिर भी कषाय आयेंगी ही; उनके परिहार के लिये दंड-विरति* तथा इंद्रियजय**। व्रत-धारण, जैसे गर्भ-धारण। समिति-पालन, जैसे बच्चे

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सबक

किसी को सबक सिखाने की ज़िद न करो, कोई नहीं सीखता, क्योंकि सबक सिखाये नहीं जाते,सीखे जाते हैं! (सुरेश जैन- इंदौर)

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मंगल आशीष

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May 20, 2024