Month: March 2025
सम्यग्दृष्टि / मिथ्यादृष्टि
सम्यग्दृष्टि वह जिसे फ़ीका भी काफ़ी लगे। मिथ्यादृष्टि वह जिसे काफ़ी भी फ़ीका लगे। मुनि श्री मंगलसागर जी
नकली बुद्धि
आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सब ने स्वीकार कर लिया है। यह वैसा ही है जैसे कालिदास जिस डाल पर बैठे थे उसी को काट रहे
आर्यिका माता जी
आर्यिका माता जी की प्रतिमा 11वीं नहीं, 11 के परे होती है। इसीलिए उनको उपचार से महाव्रती कहा जाता है। 11वीं प्रतिमा तो एलक, छुल्लकों
Teacher
T = Talent E = Education (ज्ञानी) A = Active (जागृत) C = Careful H = Honest E = Efficient R = Regular ऐसे Teacher
मुनियों का नामकरण
दीक्षा के समय मुनियों का नाम क्यों बदला जाता है ? नामकरण मुनि के लिए नहीं होता, देखने वालों और शिष्यों के लिए होता है
दुःख
व्यक्ति जीवित है/ होश में है, परीक्षण के लिये नुकीली चीज पैरों में चुभा कर देखते हैं। दुःख भी ऐसे ही हैं, हमको एहसास दिलाते
प्रवचन-वत्सलत्वम्
प्रवचन को धारण करना प्रवचन-वत्सलत्वम् कहलाता है। यह चौथे गुणस्थानवर्ती श्रावकों से लेकर मुनियों तक अपनी-अपनी भूमिका में धारण किया जाता है। वात्सल्य श्रावकों और
जन्म मरण का दु:ख
जब दु:ख जन्म में ही होता है, मरण में नहीं तो ऐसा क्यों कहा जाता है की जन्म-मरण में बहुत दु:ख होता है? योगेंद्र जन्म-मरण
मुनि श्री शिवभूति
मुनि शिवभूति जी को णमोकार मंत्र का भाव/ अर्थ तो आता था पर ज्ञानावरण कर्म के उदय से क्रमवार मंत्र नहीं याद था। मुनि श्री
ध्यान
आचार्य श्री विद्यासागर जी तथा मुनि श्री सौम्य सागर जी आसपास के कमरों में थे। बरसात शुरू हो गई। सौम्य सागर जी ने अपनी खिड़कियाँ
Recent Comments