उक्त कथन सत्य है। अपने और दूसरों के घात या अहित करने रुप परिणाम को क़ोध कहते हैं। अतः क़ोध करने से बचना चाहिए ताकि जीवन बर्बाद न हो सके। Reply
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उक्त कथन सत्य है। अपने और दूसरों के घात या अहित करने रुप परिणाम को क़ोध कहते हैं। अतः क़ोध करने से बचना चाहिए ताकि जीवन बर्बाद न हो सके।