अधूरी-ज़िन्दगी

कभी हँसते हुए छोड़ देती है, ये ज़िंदगी;
कभी रोते हुए छोड़ देती है, ये ज़िंदगी ।
न पूर्ण-विराम सुख में,
न पूर्ण-विराम दुःख में,
बस!
जहाँ देखो वहाँ, अल्पविराम छोड़ देती है, ये ज़िंदगी ।

🌹 सुरेश 🌹

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6 Responses

  1. ज़िन्दगी जन्म से मरण रहती है।अतः यह कथन सत्य है कि कभी हँसते हुए और कभी रोते हुए छोड़ देती है लेकिन इसमे न तो पूर्ण-सुख है या दुख है।इसलिए ज़िन्दगी जहां देखो अल्पविराम छोड़ देती है लेकिन ज़िन्दगी का हर पल महत्वपूर्ण होता है, जिसके लिए हर पल का सदुपयोग करना चाहिए ताकि कल्याण हो सकता है।

    1. जिंदगी अधूरी ही है, अगर सुख चल रहा है तो खुश मत होना दुःख आने वाला है ।
      यहाँ पूर्ण विराम का मतलब सुख के बाद दुःख का न आना, जो सम्भव नहीं है।
      खासतौर पर मध्यलोक में।

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