रुकना
रुकते तो मेले में हैं, संसार के मेले में गति कहाँ ?
इसीलिये कहा है – रुकना मृत्यु है, मुक्ति से दूर होना है ।
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
रुकते तो मेले में हैं, संसार के मेले में गति कहाँ ?
इसीलिये कहा है – रुकना मृत्यु है, मुक्ति से दूर होना है ।
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी