क्या हम ऐसी जगह को छोड़ना नहीं चाहेंगे जहाँ सड़न/ बदबू आना शुरू हो रही हो ?
यदि हाँ, तो आत्मा मरते हुए शरीर को क्यों नहीं छोड़ेगी !
चिंतन
Share this on...
2 Responses
चिंतन में जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। शरीर तो चोला बदलता रहता है, लेकिन आत्मा नश्वर है। अतः जीवन में आत्म कल्याण करने की भावना रहना परम आवश्यक है।
2 Responses
चिंतन में जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। शरीर तो चोला बदलता रहता है, लेकिन आत्मा नश्वर है। अतः जीवन में आत्म कल्याण करने की भावना रहना परम आवश्यक है।
Very true !