जीवन
जो जवान था,
वह बूढ़ा होकर,
पूरा* हो गया।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
(*सिर्फ उम्र पूरी करके पूरा होना है या गुणों से परिपूर्ण होकर पूरा होकर जाना है!- श्री कमल कांत )
जो जवान था,
वह बूढ़ा होकर,
पूरा* हो गया।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
(*सिर्फ उम्र पूरी करके पूरा होना है या गुणों से परिपूर्ण होकर पूरा होकर जाना है!- श्री कमल कांत )
M | T | W | T | F | S | S |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 |
8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 |
15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 |
22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 |
29 | 30 | 31 |
One Response
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने जीवन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन का आनन्द के लिए देव, शास्त्रों एवं गुरुओं पर श्रद्वान करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।