आजकल, जीवन की सच्चाई को नहीं पहचान पाते हैं । आजकल, सब मौज मस्ती को जीवन समझते हैं ।जीवन की सच्चाई तभी सामने आएगी, जब आत्म-कल्याण से जुडकर कार्य करें, जिससे मौत के बाद भी, लोग आपको हमेशा याद रखें । Reply
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Kamyaabi jeevan ki zaroorat hai, par sab kuchh nahi . . . . purus
आजकल, जीवन की सच्चाई को नहीं पहचान पाते हैं ।
आजकल, सब मौज मस्ती को जीवन समझते हैं ।जीवन की सच्चाई तभी सामने आएगी, जब आत्म-कल्याण से जुडकर कार्य करें, जिससे मौत के बाद भी, लोग आपको हमेशा याद रखें ।