Tag: संसार
वैभव/संसार
नाव पानी पर चले तो ठीक, पानी नाव में नहीं भरना चाहिये, वरना ड़ूब जायेगी । वैभव/संसार हमारे मन में न भर जाये, वरना हम
ममत्व
इस संसार को कैसे समझें कि यह मेरा नहीं है ? जो आपका था ही नहीं, उसे सोच-सोच कर कि ये आपका है, अपना मानने
संसार की दुकान
किसी दुकान में जाते हो, वहां अच्छे बुरे सब सामान होते हैं । कुछ लोग अच्छे-अच्छे सामान Select करते हैं, कुछ लोग बुरे अथवा दौनों,
संसार
किसी भी बड़ी से बड़ी मशीन का छोटे से छोटा पुर्ज़ा भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है, जितना बड़ा पुर्ज़ा । हर पुर्ज़ा अपना role
संसारी और संत
संसारी जीव जब संसार से जाता है “वसीयत” देकर जाता है । संत जब संसार से जाता है तो “नसीहत” देकर जाता है । (
संसार
एक मालिक रोज चुटकुला सुनाता था, और सब Employees जोर जोर से हंसते थे, एक दिन एक Employee नहीं हंसा, कारण बताया – मैं नौकरी
मोक्ष/संसार
श्रीमति शकुंतला जी की आर्यिका दीक्षा सोनागिर जी में 23 मई 2010 को संपन्न होनी थी । Programme पता करने के लिये, उनके पुत्र श्री
संसार
एक दिन एक चूहा Dustbin में पूरा ना घुसकर वापस आ गया, क्योंकि उसकी Surface चिकनी थी । लेकिन हम संसार के चक्रव्युह में बाहर
संसार
संसारी जीव संसार के चक्कर को चक्कर ना मान कर शक्कर मान रहा है । मीठे का आदी हो जाने के कारण यथार्थ को भी
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