Tag: भक्ति

भक्ति और संगीत

भक्ति में संगीत, भावों की बढ़ोतरी में सहायक है; पर संगीत में अटकें नहीं/भावों को भूलें नहीं । चिंतन

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भक्ति

भूखे को भोजन, थोड़ी देर को साता देता है, पर उपवास का महत्त्व समझा दो, तो हमेशा के लिये पीड़ा हर जाती है । भगवान

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भक्ति

भगवान की वंदना करते हुए सब पक्षी नृत्य करने लगे, पर मोर ने अपने प्रिय पंखों का विसर्जन किया । पंख यानि पक्ष यानि अहंकार का

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भक्ति / ज्ञान / चारित्र

भक्त बार बार जन्म माँगता है; ज्ञानी बार बार जन्म ना मिले, ऐसी भावना भाता है; चारित्रधारी कुछ भी नहीं माँगता, पर उसे बिना माँगे

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भक्ति

छाछ में मक्खन हो तो कोई बाधा नहीं, लेकिन मक्खन में छाछ नहीं होनी चाहिए। कोयले में हीरा आ जाये तो कोई बाधा नहीं, लेकिन

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भक्ति

गुरु/भगवान के पास दर्शनार्थी नहीं, शरणार्थी बन कर जाऐं ।

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भक्त / भिखारी

भिखारी थोड़े पैसे माँगता है, पर वह भी नहीं मिलते । भक्त बिना माँगे ही, मालामाल हो जाता है ।

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भक्ति

भक्ति, भगवान और भक्त के बीच दोनों को जोड़ने में, गोंद का काम करती है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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भक्ति

संगीत में जब भक्ति मिल जाती है तो भजन बन जाता है, जल चरणामृत, भूख उपवास।

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भक्ति

राग सहित भक्ति, वैरागी बनाती है । वैरागी की भक्ति, वीतरागी । मुनि श्री विमर्श सागर जी

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मंगल आशीष

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