Tag: भाग्य
भाग्य / पुरुषार्थ
तेंदुलकर बनने में पुरुषार्थ की मुख्य भूमिका थी, पर उनका ज़ीरो पर आऊट होना, भाग्य था । चिंतन
पुरुषार्थ / भाग्य
कहते हैं – उतने पैर पसारिये, जितनी चादर होय, वरना मच्छर काटेंगे । तो क्या भाग्य के भरोसे पैर सिकोड़कर ही पड़े रहें ? नहीं,
भाग्य / पुरुषार्थ
धर्मध्यान पुण्योदय से नहीं, पुरुषार्थ से, दानांतराय/वीरांतराय के क्षयोपशम से होता है ।
भाग्य / पुरुषार्थ
भगवान के भरोसे क्यों बैठे रहते हो ! क्या पता भगवान आपके भरोसे बैठा हो । (प्रांजल)
भाग्य / पुरुषार्थ
माचिस मिलना भाग्य, उससे आग लगाना या दीप जलाना पुरुषार्थ ।
भाग्य / पुरुषार्थ
लॉकर की दो चाबियाँ हैं, अमूल्य निधी दोनों के लगने पर ही मिलेगी । पुरुषार्थ की चाबी हमारे पास है, भाग्य की मैनेजर के पास
भाग्य और पुरुषार्थ
भाग्य पहले से लिखा हुआ । पुरुषार्थ लाइनों के बीच के space में लिखना तथा लिखे हुए को मिटाना/मिटाकर नया लिखना । चिंतन
भाग्य / पुरुषार्थ
भाग्य = अलग अलग size के घड़े । पुरुषार्थ = अपने अपने घड़ों को कम ज्यादा भरना । सौरभ – नोयड़ा
पुरुषार्थ / भाग्य
अच्छा काम पुरुषार्थ से, लोगों के द्वारा उस काम को अच्छा मानना भाग्य ।
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