Tag: मंजू
अपने / पराये
Hello.. Sir, Calling from Old Age Home… We saw Your Advertisement of Missing Dog. It has come here and is playing with Your “Mother” !!
जीने की कला
तू ज़िंदगी को जी… उसे समझने की कोशिश ना कर । चलते वक्त के साथ तू भी चल, वक्त को बदलने की कोशिश ना कर
परमात्मा से प्रेम
जब भी परमात्मा पर प्रेम आये तो एक जीव को कत्ल होने से बचा लेना । (मंजू)
भरोसा / धोखा
भरोसा जितना कीमती होता है, धोखा उतना ही मँहगा पड़ता है । (मंजू)
आज़माना
हम भगवान को रोज आज़माते हैं, पर भगवान हमको कभी नहीं आज़माता कि हममें इंसानियत है या नहीं । (मंजू)
ज़िंदगी
ज़िंदगी जब भी लगा कि तुझे पढ़ लिया । तूने अपना एक पन्ना और खोल दिया । (मंजू)
झूठी शान
बटुए को कहाँ मालूम था कि पैसे उधार के हैं, वो तो पहले की तरह फूला ही रहा । (मंजू)
अज्ञानता
ये नादानी भी बेमिसाल है – “अँधेरा दिल में है, दिये मंदिर में जलाये जाते हैं ” (मंजू)
सम्पर्क
बात करने से ही बात बनती है…! बात न करने से तो बातें बनती हैं…!! (मंजू)
दिल / दिमाग
जरा संभल के रहना उन “इंसानों” से दोस्तों….! जिन के “दिल” में भी “दिमाग” होता है। (मंजू)
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