Tag: संसार
सांसारिक सुख
January 27, 2012
कुत्तों के पास से कार गुजरते ही वो उसके पीछे दौड़ने लगते हैं और भौंकते हैं । क्या सोचते होंगे वे कुत्ते ? गाड़ी को
सांसारिक सुख
October 30, 2011
स्व. श्री होतीलाल जी (वरवाना) कई गांवों के जमींदार थे । उनके सेवक जब कोई गलती करते तो आप जूते उतार कर उनकी पिटाई कर
संसार
October 17, 2011
जंगल (संसार) में सपेरे बीन लिये बैठे हैं, पर हम और भी महान, दुरबीन लिये बैठे हैं । (श्री मेहुल)
संसार/मोक्ष
July 29, 2011
चींटी चावल ले चली, बीच में मिल गयी दाल । कहि कबीर दोऊ ना चलें, एक लै दूजी ड़ार ।।
संसारी खेल
March 31, 2011
कैरम के खेल में अच्छा खिलाड़ी एक गोटी लेते समय यह ध्यान रखता है कि अपनी तो अगली गोटी बन जाऐ/ अच्छी Positon में आ जाऐ
संसार
February 13, 2011
घर से चले थे, ख़ुशी की तलाश में । गम रास्ते में मिल गये और साथ हो लिये ।। (श्री जितेन्द्र कुमार जैन)
संसार/मोक्ष
January 23, 2011
चींटी चावल ले चली, बीच में मिल गयी दाल । कहि कबीर दोऊ ना चलें, एक लै दूजी ड़ार ।।
Recent Comments