Tag: मंजू
सुख
August 18, 2015
जो “प्राप्त” है, वह “पर्याप्त” है। इन शब्दों में सुख अपार है। (मंजू)
कारण / भागेदारी
July 1, 2015
दूसरों के – सुख में “कारण” बनो, “भागीदार” नहीं । दुःख में “भागीदार”, “कारण” नहीं । (मंजू)
परोपकार
May 19, 2015
चलो चाँद का किरदार निभायें हम सब, दाग अपने पास रखकर, रोशनी बाटें सबको । (मंजू)
मायाचारी
May 15, 2015
मधुमक्खी के मुँह में शहद, दुम में डंक होता है। सावधान- हर मीठा बोलने वाला साधु नहीं होता । (मंजू)
दौलत
May 4, 2015
डोर लम्बी होने का मतलब यह नहीं कि पतंग ऊपर जायेगी ही, उड़ाने का तरीका आना चाहिए । दौलत ज्यादा का मतलब सफलता नहीं, जीने
मान
April 6, 2015
यदि आपको कोई छोटा दिखाई दे रहा है तो इसके दो ही मतलब हैं – या तो आप उसे दूर से देख रहे हैं ,
सुधार
April 4, 2015
दुनिया को सुधारना बहुत आसान है, शर्त एक ही है कि इस सुधार की शुरुआत खुद अपने से हो। (मंजू)
धर्मात्मा
December 24, 2014
धर्मात्मा बर्फ के डेले जैसे होते हैं, उन्हें तोडो / चूरा कर दो ,फिर भी वे शीतलता ही देंगे। (मंजू)
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