Tag: मुनि श्री सुधासागर जी

शुभोपयोग

शुभोपयोग उपादेय नहीं, उपयोगी है । मुनि श्री सुधासागर जी

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निर्वाण लाडू

सिद्धशिला के आकार का (आधा नीबू), शुद्ध शक्कर का (निर्वाण में अब मिलावट नहीं रह गयी), मीठा – खुशी का प्रतीक, ऊपर कपूर/दीपक – निर्वाण

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सिंघाड़ा

आचार्य श्री विद्यासागर जी के संघ में सिंघाड़ा नहीं लेते पर उसे अभक्ष्य नहीं मानते । मुनि श्री सुधासागर जी

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पुरुषार्थ / धर्मध्यान

पैर का काँटा, धर्म करने से नहीं पुरुषार्थ से निकलेगा । पर धर्मध्यान से काँटे की वेदना जरूर कम हो जायेगी । मुनि श्री सुधासागर

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गिरना

यदि डूबते हुये को बचाने के लिये एक सीढ़ी नीचे उतरना पड़े तो उतरने में पाप नहीं लगेगा । (पर बचाने की प्रक्रिया में सीढ़ी

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दुर्जन

दुर्जन वह नहीं जो बुरे काम करे, बल्कि वह जो समझाने पर समझे नहीं । मुनि श्री सुधासागर जी

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माला में मन

माला में मन इसलिये नहीं लगता क्योंकि सुबह से शाम तक वह चलायमान ही रहता है, वही संस्कार माला के समय रहते हैं । समाधान

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मंगल आशीष

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