Tag: मुनि श्री सुधासागर जी
अभिशाप
अपनों का अभिशाप बहुत बड़ा, पर अपना अभिशाप सबसे बड़ा – इंद्रियों/धन/बल के दुरुपयोग से मिलता है ये अभिशाप मुनि श्री सुधासागर जी
दु:ख
अधूरे तो हम सब हैं, पर ज्ञानी इस अधूरेपन को दूर करने में लगातार प्रयत्नशील रहता है । अज्ञानी प्रयत्न नहीं करता, बस दु:खी रहता
उत्तम त्याग धर्म
आप आम को खाने से पहले उसे दबा दबा कर ढ़ीला करते हैं, फिर उसके ऊपर से टोपी (ड़ंठल) हटाते हैं, खाने से पहले चैंप
शक्ति
राक्षस प्रवृति/शक्ति रात्रि में बढ़ जाती है ( जैसे उल्लू आदि हिंसक पशुओं की) । सज्जन लोगों की दिन में बढ़ती है । मुनि श्री
सूर्य का महत्व
सूर्य को सबसे ज्यादा महत्व वे लोग देते हैं, जो सूर्य के निकलने पर ही खाना पीना शुरू करते हैं और अस्त होने पर बंद
तप
घी और रूई मंगल नहीं हैं, पर जब दीपक में जलने लगती हैं, तो मंगल बन जाती हैं । तप का यही महत्व है । मुनि
भजन
जब जब भोजन की याद आये, कम से कम तब तब तो भजन की याद करें । मुनि श्री सुधासागर जी
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