सबकी प्रथम गुरु आत्मा है । उसकी अंतरध्वनि को सुनना वरना वह सो जायेगी । यदि पहले से सोई हो तो ? उसे जगाओ । कैसे ? उससे पूछते रहो – यह काम किया, सही था या गलत !
प्राय : हम संस्कारों की सुनते हैं, अंतरात्मा की नहीं ।
बाई जी
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