अंतर्ध्वनि/ धर्म
जो अंतर्ध्वनि/ धर्म के अनुसार कियायें करते हैं जैसे परोपकार/ दया, उनकी आत्मा शांत/ आनंदित रहती है;
विपरीत कियायें करने वालों की अशांत, तभी तो Lie Detector की पकड़ में आ जाते हैं।
क्षु.श्री जिनेन्द्र वर्णी जी (शांतिपथ प्रदर्शक)
जो अंतर्ध्वनि/ धर्म के अनुसार कियायें करते हैं जैसे परोपकार/ दया, उनकी आत्मा शांत/ आनंदित रहती है;
विपरीत कियायें करने वालों की अशांत, तभी तो Lie Detector की पकड़ में आ जाते हैं।
क्षु.श्री जिनेन्द्र वर्णी जी (शांतिपथ प्रदर्शक)
One Response
अंतर ध्वनि धर्म का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में अंतर ध्वनि का पालन करना परम आवश्यक है।