अंधकार
सबसे बड़ा अंधकार – मूर्छा
आचार्य महाप्रज्ञ जी
(इसका प्रतिकार ज्ञान ।
बाहर तो बहुत कृत्रिम प्रकाश बढ़ रहा है पर अंदर का अंधकार भी उसी अनुपात में बढ़ा है ।
अधर्म का प्रतिकार भी धर्म से ही संभव है)
सबसे बड़ा अंधकार – मूर्छा
आचार्य महाप्रज्ञ जी
(इसका प्रतिकार ज्ञान ।
बाहर तो बहुत कृत्रिम प्रकाश बढ़ रहा है पर अंदर का अंधकार भी उसी अनुपात में बढ़ा है ।
अधर्म का प्रतिकार भी धर्म से ही संभव है)
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि बाहर तो बहुत कृत्रिम प्रकाश बढ़ रहा है लेकिन अंदर का अंधकार भी उसी अनुपात में बढ रहा है। अतः अधर्म का प़तिकार भी धर्म से संभव है। अतः जीवन में अंदर का प़काश बढ़ाने के लिए धर्म को स्वीकार करना होगा ताकि अंदर का प़काश बढ़ाया जा सकता है।