आजकल सभी भक्ति करते हैं लेकिन अतिभक्ति में विवेक की कमी रहती है। भक्ति में विवेक रखना आवश्यक है ताकि शुभ परिणाम मिल सकते हैं। Reply
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आजकल सभी भक्ति करते हैं लेकिन अतिभक्ति में विवेक की कमी रहती है। भक्ति में विवेक रखना आवश्यक है ताकि शुभ परिणाम मिल सकते हैं।
“Ati-bhakti” ka kya meaning hai, please?
अति-भक्ति में विवेक नहीं लगता, दोष भी गुण दिखने लगते हैं ।