अध्यात्म / ध्यान
आचार्य श्री विद्यासागर जी को बताया गया कि अध्यात्म/ध्यान शिविर लगाया जा रहा है और उसके लिये बड़े-बड़े विद्वानों को बुलाया जा रहा है।
आचार्यश्री ने कहा, “अध्यात्म तथा ध्यान तो स्वयं में, स्वयं के लिये और स्वयं के द्वारा होते हैं। फिर दूसरे विद्वान इसमें क्या करेंगे?”
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि अध्यात्म एवं ध्यान के लिए विद्वानों को बुलाने की आवश्यकता नहीं है! अध्यात्म तथा ध्यान तो स्वयं में, स्वयं के लिए और स्वयं के द्वारा होते हैं!
स्वयं से स्वयं की बात को
हम कहते हैं ध्यान।
क्या करेंगे बीच में,
आकर के विद्वान।।