पढ़ाने का उद्देश्य विद्वता प्रदर्शन नहीं, अपितु सामने वाले में तत्त्व के प्रति समर्पण भाव लाना है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि पढ़ाने का उद्देश्य विद्वता का प्रदर्शन नहीं होता हैं, अपितु सामने वाले में तत्व के प्रति समर्पण भाव लाना है। अतः जीवन में कुछ सीखने के लिए श्रद्वा एवं समर्पण भाव रखना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि पढ़ाने का उद्देश्य विद्वता का प्रदर्शन नहीं होता हैं, अपितु सामने वाले में तत्व के प्रति समर्पण भाव लाना है। अतः जीवन में कुछ सीखने के लिए श्रद्वा एवं समर्पण भाव रखना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।