अनित्य
थोड़ी दूर/देर की यात्रा के लिये रिजर्वेशन नहीं कराते हैं, विषम परिस्थितियाँ भी झेल लेते हैं कि थोड़ी देर की ही तो बात है ।
जीवन और जीवन में आयी परेशानियों के बारे में ऐसा क्यों नहीं सोचते ?
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
थोड़ी दूर/देर की यात्रा के लिये रिजर्वेशन नहीं कराते हैं, विषम परिस्थितियाँ भी झेल लेते हैं कि थोड़ी देर की ही तो बात है ।
जीवन और जीवन में आयी परेशानियों के बारे में ऐसा क्यों नहीं सोचते ?
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
अनित्य- – यह शरीर इन्द्रिय और भोग उपयोग ही समस्त सामग्री क्षणभंगुर है पर मोहवश अज्ञानी जीव उसे नित्य/शाश्र्वत मानकर सुखी दुखी होता रहता है।
अतः यह कथन सत्य है कि थोड़ी दूर की यात्रा के लिए रिजर्वेशन नहीं कराते हैं और विषम परिस्थितियों भी झेल लेते हैं क्योंकि थोड़ी देर की बात है। लेकिन जीवन और जीवन में आयी परेशानी के बारे में नहीं सोचता है,इसका मुख्य कारण ज्ञानी नहीं है क्योंकि वह आत्म चिंतन नहीं करता है। अतः जीवन में कोई परेशानी या कष्ट हो तो उसे सोचना चाहिए कि थोड़ी देर की बात है तभी अपना कल्याण कर सकता हैं।