अनुजीवी – चेतना के गुण,
प्रतिजीवी – शरीर के,
जैसे आयु, एक शरीर के बाद अगला शरीर मिलेगा।
(तो आयु शरीर के साथ रहेगी। शरीर समाप्त होने पर अगला शरीर पाने में कारण)
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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3 Responses
मुनि श्री का कथन सत्य है कि अनुजीवी यानी चेतना के गुण, जबकि प़तिजीवी का मतलब शरीर के, जैसे आयु,एक शरीर के बाद अगला शरीर मिलता है। अतः आयु की चिंता नहीं करना चाहिए बल्कि चेतना यानी आत्मा में डूब जाने पर ही कल्याण हो सकता है।
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मुनि श्री का कथन सत्य है कि अनुजीवी यानी चेतना के गुण, जबकि प़तिजीवी का मतलब शरीर के, जैसे आयु,एक शरीर के बाद अगला शरीर मिलता है। अतः आयु की चिंता नहीं करना चाहिए बल्कि चेतना यानी आत्मा में डूब जाने पर ही कल्याण हो सकता है।
Kya ‘आयु’, ‘प्रतिजीवी’ ka example hai ?
Item के नीचे clarify किया है।
Clear ?