खुश रहना है तो –
अपनों में रहो, सांसारिक दृष्टि से ।
अपने में रहो, आध्यात्मिक दृष्टि से ।
आपे में रहो, सामान्य दृष्टि से ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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2 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि जीवन में खुश रहना है तो अपने में रहो जो संसारिक दृष्टि से है; इसके अलावा अपने में रहो, आध्यात्मिक दृष्टि से , इसके अतिरिक्त आपे में रहो जो सामान्य दृष्टि से होना चाहिए।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि जीवन में खुश रहना है तो अपने में रहो जो संसारिक दृष्टि से है; इसके अलावा अपने में रहो, आध्यात्मिक दृष्टि से , इसके अतिरिक्त आपे में रहो जो सामान्य दृष्टि से होना चाहिए।
Very true.Har drishti se apne mein rehna advisable hai !!