अशुभोपयोग
मिथ्यादृष्टि के सम्यग्दर्शन के सम्मुख अनिवृतिकरण में अशुभोपयोग की मंदतम दशा, हालाँकि इस समय असंख्यात गुणी निर्जरा भी हो रही होती है ।
पहले से तीसरे गुणस्थान तक घटता हुआ अशुभपयोग होता है ।
जैसे शराब पीने वाला यदि पीना कम कर रहा है तो क्या उसे शुभोपयोग कहेंगे ?
पं. रतनलाल बैनाड़ा जी