खुशियाँ
एक बूढ़ी अम्मा की सुई, सिलाई करते हुये अंधेरे कमरे में कहीं खो गयी ।
वह बाहर Street Light में जाकर सुई ढ़ूंढ़ने लगी ।
सब लोग भी उसके साथ ढ़ूंढ़ने लगे ।
किसी ने पूछा कि सुई खोई कहां थी ?
कमरे में ।
तो बाहर क्यों ढ़ूंढ़ रही हो ?
क्योंकि कमरे में Light नहीं है, बाहर Light है ।
क्या हम सब खुशियाँ बाहर नहीं ढ़ूंढ़ रहे हैं ?
जबकि खुशियाँ अंदर ही हैं ।