आत्मा कर्ता निमित्त की अपेक्षा,
अकर्ता उपादान की अपेक्षा।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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8 Responses
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने आत्मा कर्ता एवं अकर्ता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में आत्मा कर्ता का विवेचन करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने आत्मा कर्ता एवं अकर्ता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में आत्मा कर्ता का विवेचन करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
Can it’s meaning be clarified, please ?
निमित्त मिलने पर काम कौन करता है, आत्मा, सो कर्ता।
आत्मा का स्वभाव काम करने का नहीं,सो अकर्ता।
‘उपादान’ ka matlab ‘स्वभाव’ hai kya ?
Internal strength.
To post me ‘उपादान’ ke jagah ‘स्वभाव’ (In second line) kar de to ?
स्वभाव भी आ सकता था,पर महाराज जी ने उपादान का प्रयोग किया है, ठीक भी लगता है।
Okay.