आत्मा से 8 प्रकार के कर्म तो हर समय बंधे रहते हैं,
पर नोकर्म/भाषा/मनोवर्गणायें कभी बंधी रहती हैं कभी नहीं,
जैसे विग्रहगति, एकेंद्रिय, विकलेंद्रिय, असंज्ञी अवस्था में ।
ज्ञानशाला
Share this on...
One Response
यह कथन सत्य है कि आत्मा से आठ प़कार के कर्म तो हमेशा हर समय बंधे रहते हैं लेकिन नोकर्म/भाषा/मनोवर्गणायें कभी बंधी रहती है या कभी नहीं, जैसे विग़हगति, एकेद़िय,विकलेंद़िय,असंज्ञी अवस्था में सत्ता में रहती है।
One Response
यह कथन सत्य है कि आत्मा से आठ प़कार के कर्म तो हमेशा हर समय बंधे रहते हैं लेकिन नोकर्म/भाषा/मनोवर्गणायें कभी बंधी रहती है या कभी नहीं, जैसे विग़हगति, एकेद़िय,विकलेंद़िय,असंज्ञी अवस्था में सत्ता में रहती है।