भीख – लेने वाला जब धन्य हो,
आहार – देने वाला जब धन्य हो ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि जब किसी को भिखारी को भीख देते हैं तो उसमें लेने वाला धन्य हो जाना चाहिए।आहार सिर्फ गुरुओं एवं मुनियों को दिया जाता है, इसमें देने वाला धन्य महसूस करता है।दान में सर्वश्रेष्ठ आहार दान कहा गया है, इसमें कर्मों की निर्जरा होती है।भीख को करुण दान कहा गया है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि जब किसी को भिखारी को भीख देते हैं तो उसमें लेने वाला धन्य हो जाना चाहिए।आहार सिर्फ गुरुओं एवं मुनियों को दिया जाता है, इसमें देने वाला धन्य महसूस करता है।दान में सर्वश्रेष्ठ आहार दान कहा गया है, इसमें कर्मों की निर्जरा होती है।भीख को करुण दान कहा गया है।