उत्कृष्ट आयु
चतुर्थ काल में उत्कृष्ट आयु 1 कोटि पूर्व होती है,
पर हुंड़ावसर्पिणी की वज़ह से आदिनाथ भगवान की 84 लाख पूर्व ही थी यह सीमा साधारण मनुष्य की भी होती है ।