घड़े का टूटना तथा कपाल का उत्पाद एक ही समय में होता है ।
पर दोनों पर्याय एक समय में भी नहीं तथा काल भेद भी नहीं ।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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4 Responses
उत्पाद का मतलब अपनी पूर्व अवस्था को छोड़कर नवीन अवस्था को प़ाप्त करना कहलाता है। जबकि व्यय का मतलब द़व्य की पूर्ण पर्याय का विनाश होना व्यय कहलाता है। काल परिवर्तन का मतलब संसार में भ़मण करता है ,वह जीव उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी काल के सम्पूर्ण समयों में अनेक बार जन्म धारण करना और मरना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि घड़े का टूटना तथा कपाल का उत्पाद एक ही समय में होता है लेकिन पर दोनों पर्याय एक समय में भी नहीं तथा काल भेद भी नहीं होता है।
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उत्पाद का मतलब अपनी पूर्व अवस्था को छोड़कर नवीन अवस्था को प़ाप्त करना कहलाता है। जबकि व्यय का मतलब द़व्य की पूर्ण पर्याय का विनाश होना व्यय कहलाता है। काल परिवर्तन का मतलब संसार में भ़मण करता है ,वह जीव उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी काल के सम्पूर्ण समयों में अनेक बार जन्म धारण करना और मरना होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि घड़े का टूटना तथा कपाल का उत्पाद एक ही समय में होता है लेकिन पर दोनों पर्याय एक समय में भी नहीं तथा काल भेद भी नहीं होता है।
“कपाल” ka kya meaning hai?
Also please explain meaning of “पर दोनों पर्याय एक समय में भी नहीं तथा काल भेद भी नहीं ।”
कपाल = घड़े के टुकड़े
क्या घड़ा और घड़े के टुकड़े एक समय में होना सम्भव है !
Okay.Bahut hi “Interesting” post hai.