उत्साह
उत्साह का जीवन में वही Role है जो किसी भी गाड़ी के पहियों में हवा का ।
गाड़ी का इंजन चाहे कितना ही शक्तिशाली क्यों ना हो, पहियों में हवा के बिना दौड़ नहीं सकती ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
उत्साह का जीवन में वही Role है जो किसी भी गाड़ी के पहियों में हवा का ।
गाड़ी का इंजन चाहे कितना ही शक्तिशाली क्यों ना हो, पहियों में हवा के बिना दौड़ नहीं सकती ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
4 Responses
उत्साह का मतलब उमंग या जोश होना है।
उपरोक्त कथन सत्य है कि उत्साह का रोल है जो कि किसी गाड़ी के पहियों में हवा का होता है। गाड़ी का इंजन कितना भी शक्तशाली क्यों न हो लेकिन पहियों में हवा न होने के कारण गाड़ी दौड़ नहीं सकती है।
अतः जीवन में भी कोई भी कार्य करना है तो उसके लिए उत्साह होना आवश्यक है ।
Dharm mein shayad “Bhakti” (“Utsah”) yeh bhumika nibhati hai !
सही सोच ।
Okay.