उपयोग

वस्तु के निमित्त से जीव के देखने जानने के भाव को उपयोग कहते हैं।
1. दर्शनोपयोग – अनाकार, सामान्य, निर्विकल्प
2. ज्ञानोपयोग – साकार, विशेष, सविकल्प (संकल्प विकल्प वाला नहीं, भेद सहित वाला)

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीवकाण्ड गाथा – 672)

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