उपयोग

एक जीव के एक काल में, 5 मिथ्यात्व में से, 1 का ही उदय होता है,
6 इन्द्रियों  (5 + मन) में से, एक इन्द्रिय के विषय में ही प्रवृत्ति हो सकती है।
6 कायों की हिंसा में से, 1 से लेकर 6 तक की हिंसा हो सकती है।
3 वेदों में से 1 का ही उदय हो सकता है।
3 योगों में से 1 में ही उपयोग हो सकता है।

कर्मकांड़ गाथा 794

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