उपयोगिता / तप

सोने से बेहतर है, गहना बनना।
पर उसमें तो अशुद्धि मिलाई जाती है ?
पर थोड़ी अशुद्धि के साथ उसकी उपयोगिता भी तो बढ़ जाती है;
वह अशुद्धि भी तप के द्वारा सोने जैसी हो जाती है।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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One Response

  1. तप का मतलब इच्छाओं का निरोध करना है।तप के द्वारा कर्मों की निर्जरा होती है। उपरोक्त कथन सत्य है कि सोने से बेहतर है, गहना बनाना।जब गहना बनता है तो उसमें अशुद्धि मिलाई जाती है, लेकिन थोड़ी अशुद्धि से उसकी उपयोगिता बढ़ जाती है। लेकिन वह अशुद्धि भी तप के द्वारा सोने जैसी हो जाती है। अतः जीवन में तप करने से अपने अन्दर कर्मों की निर्जरा हो जाती है।

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